जुमा का दिन हर हफ्ते रहमत, बरकत और सुकून का पैगाम लेकर आता है। पूरी दुनिया भर के मुसलमान हर हफ्ते Friday के दिन इसका बेसब्री से इंतज़ार करते हैं और इस दिन गुसउल जरूरी होता है यानि घर के सभी लोग नहा धोकर तैयार होकर मस्जिद में जुमा का नमाज़ पढ़ने जाते हैं। और अल्लाह की इबादत एक सफ में खड़े होकर एक साथ करते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को Jumma की Mubarakbad भी देते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको हम Jumma Mubarak Shayari और Jumma Mubarak Status के बहुत सारे कंटेन्ट बताएंगे।
इस Jumma Mubarak Shayari और Jumma Mubarak Status को आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और दूसरे जानने वालों को भेज सकते हैं या अपने WhatsApp, Instagram या Facebook पर लगा सकते हैं। आइए नीचे दिए गए jumma Mubarak Status और Shayari को हिन्दी में पढ़ें।
Jumma Mubarak Shayari और Status
नीचे हम आपको Jumma Mubarak Shayari और Jumma Mubarak Status के बारे में हिन्दी में लिख कर बता रहे हैं जिसे पढ़कर आपको बहुत ही सुकून मिलेगा और आप इसे अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर करके अपने दोस्तों और जानने वालों को भी पढ़ने का मौका दे सकते हैं।
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Jumma Mubarak Shayari
तौबा की उम्मीद पर हो चुके बहुत गुनाह या रब,
मोहलत तो मिल रही है तौफीक भी अता कर- जुमा मुबारक
रो कर मांग लिया करो रब से,
इसे किसी के रोने पर हंसी नहीं आती – जुमा मुबारक
सजदा करते वक्त ये सोचा करो तुमसे बड़ा गुनहगार कोई नहीं,
और अल्लाह से बड़ा मेहरबान कोई नहीं – जुमा मुबारक
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
की खुदा नूर भी बरसाता है आजमाइश के बाद- जुमा मुबारक
रब से जब भी मांगों रब को ही मांगों,
जब रब तुम्हारा होगा तो सब तुम्हारा होगा- जुमा मुबारक
अल्लाह के सजदे में जब मैं सर झुकाता हूँ,
मैं अपने सारे दुख दर्द का हल पाता हूँ- जुमा मुबारक
अंधेरे को नूर देता है,
उसका जिक्र शुरुर देता है,
उसके दर पर जो भी माँगता है,
खुदा उसे जरूर देता हैं- जुमा मुबारक
वो चमक चाँद में है न सितारों में हैं,
जो मदीने के दिलकश नज़ारों में है,
बेज़ुबान पत्थर को भी बक्श दी जुबान,
इतनी ताकत मेरे नबी के इशारों में है- जुमा मुबारक
मेरी टूटी फूटी इबादतों को ऐसे कबूल कर या रब,
के जब सजदे में झुकूँ तो मुझसे जुड़े सब रिश्तों की ज़िंदगी संवर जाए।
आपकी यादों का एहसास इन फिज़ाओं में हो,
सदा याद रहे आपके चेहरे पे मुस्कुराहट खुदा करे,
इतना असर हमारी दुआओं में हो
कयामत तक रहे सर मेरा सजदे में या रब,
के तेरे नेमतों के शुक्र के लिए यह ज़िंदगी काफी नहीं – जुमा मुबारक
या अल्लाह ! मैं तुझसे माँगूँ ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह न हो,
ऐसी हिदायत जिसके बाद कोई गलती न हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी न हो,
ऐसी राजा जिसके बाद कोई नाराजगी न हो- आमीन
आज तो मेरे हक में कर देना दुआ,
सुना है ये दिन बहुत कबूलियत का होता है – जुमा मुबारक
क्यूँ मन्नतें माँगता है औरों के दरबार से,
वो कौनसा काम है जो होता नहीं तेरे परवरदिगार से – जुमा मुबारक
ना दुनिया से ना दौलत से,
ना घर आबाद करने से,
तसल्ली दिल को मिलती है खुद को याद करने से- जुमा मुबारक
काश उनको भी याद आऊँ मैं जुमा की दुआओं में,
जो अक्सर मुझसे कहते हैं दुआओं में याद रखना – जुमा मुबारक
या अल्लाह ! आजमाइश के काबिल नहीं हम,
बस अपनी रहमतों से नवाज़ दे।
खुदा की रहमत सबपर बरसे,
दो वक्त की रोटी की लिए कोई ना तरसे।
चार चीज को हमेशा संभाल कर रखो-
नमाज़ में दिल को,
तनहाई में सोच को,
महफ़िल में ज़बान को,
रास्ते में निगाह को।
यह आँखें खुश्क है या रब इन्हें रोना नहीं आता,
सुलगते दाग हैं दिल में जिन्हें धोना नहीं आता – जुमा मुबारक
नहीं मायूस मैं अपने खुदा से,
बदल जाती है किस्मत दुआ से
तुझे तो पता है मैं कितना बुरा हूँ,
तू ऐबों को छुपा मेरे मौला।
अल्लाह के हुज़ूर में सर को झुक कर देख,
मिलता क्या है नमाज़ में सजदे में जाकर देख – जुमा मुबारक
सिर्फ एहसास नदामत,
एक सजदा और चसमे तर,
ए अल्लाह कितना आसान है मानना तुझको।
इब्तदा हो कुछ इस तरह से तेरे नाम से या अल्लाह,
के दिन गुज़र जाए तेरे रहमतों के नुजूल से।
दुआ है के अल्लाह आपको हर नेमत अता फरमाए
जिस में आपके लिए खैरो बरकत हो,
इज्जत और वकार हो,
राहत और सुकून हो,
सेहत और तंदुरुस्ती हो,
तरक्की और खुशहाली हो,
दुनिया और आखिरत की भलाई हो – जुमा मुबारक
दुनिया में सुकून की तलाश है,
या अल्लाह तेरा बंदा बहुत उदास है,
ढूंढ रहा है इंसान राहत दुनिया में,
जबके सारे मसले का हल नमाज़ है – जुमा मुबारक
दुआ से इबादत है, दुआ से बरकत है,
दुआ से हिफाजत है,
दुआ से माफी है,
दुआ से जन्नत है,
दुआ में याद रखना क्यूंकी दुआ की बहुत जरूरत है- जुमा मुबारक
काफिर तो तरसता है त्योहारों को ऐ मुसलमान,
तू खुसनसीब है जो हर हफ्ते ईद मनाता है – जुमा मुबारक
मेरी खाली झोली में दुआओं के अल्फ़ाज़ डाल दो,
क्या पता तुम्हारे होंठ हिलें और मेरी तकदीर संवर जाए – जुमा मुबारक
या अल्लाह हमें अता कर –
ऐसी माफी जिसके बाद गुनाह न हो,
ऐसी हिदायत जिसके बाद गुमराही न हो,
ऐसी रजा जिसके बाद नाराजगी न हो,
ऐसी इज्जत जिसके बाद जिल्लत न हो – जुमा मुबारक
ऐ अल्लाह हम वो न कर सकें जो तू चाहता है,
हमें तौफीक अता कर के हम वो ना करें जो तू नहीं चाहता।
अपने रब पर हमेशा भरोसा रखो, क्यूनकी अल्लाह वो नहीं देता जो हमें अच्छा लगता है,
अल्लाह वो देता है जो हमारे लिए अच्छा होता है।
जुमा का हर एक सजदा मंजूर ए खुदा हो जाए,
आपकी दुआओं के संग रब की रजा हो जाए,
जुमा की बरकत से आपको इतनी खुशियां मिले,
आपकी सारी दुख और तकलीफ दूर हो जाए – जुमा मुबारक
Jumma Mubarak Status
खुशबू सी महकती सुबह हो आपकी..!
आजके दिन हर दुआ कबूल हो आपकी..! – जुमा मुबारक
लोगों को दुआ के लिए कहने से ज़्याद बेहतर है,
ऐसे अमल करो के लोगों के दिल से आपके लिए दुआ निकले।
ज़िंदगी की हर ठोकर यही एहसास दिलाती है की,
ऐ अल्लाह मेरा तेरे सिवा कोई नहीं – जुमा मुबारक
या अल्लाह मेरी खुशी से ज्यादा तेरी रजा जरूरी है।
बेबस इंसान का सजदा ही बेबसी का इलाज है – जुमा मुबारक
तकलीफ में सबर से काम लो क्यूंकी
सोने को आग से आजमाया जाता है
और मोमिन को तकलीफ से।
जो किस्मत में ना हो वो रोने से नहीं मिलता मगर दुआ से मिल जाता है।
नहीं मायूस मैं अपने खुदा से,
बदल जाती है किस्मत दुआ से – जुमा मुबारक
सजदे ‘तवील’ करने से मुश्किलें ‘कलील’ हो जाती हैं – जुमा मुबारक
छोटे- छोटे गुनाहों से बचो क्यूंकी छोटे गुनाह ही बड़े गुनाह की तरफ ले जाते हैं।
या अल्लाह ! जो बीमार हैं उनको शिफ़ा ए कामिल अता फ़रमा दे,
जो परेशान हैं उनकी परेशानियों को दूर कर दे।
जब तुम किसी में कोई ऐब देखो तो उसे अपने अंदर तलाश करो,
और अगर खुद में पाओ तो उसे निकाल दो
दो ही चीजें ऐसी है जिसमे किसी का कुछ नहीं जाता,
एक ‘मुस्कुराहट’ और दूसरी ‘दुआ’ हमेशा बांटते रहिए – जुमा मुबारक
किसी से नेकी करते वक्त बदला की उम्मीद न रखो
क्यूंकी अच्छाई का बदला इंसान नहीं अल्लाह देता है।
या अल्लाह ! आज जुमा की नमाज़ में जीतने भी हाथ तेरी बारगाह में उठें सब की दुआ कबूल फ़रमा – जुमा मुबारक
यूं आज पड़े तुझ पर लुत्फ करम की बारिश,
के बारगाह इलाही से तेरी कोई दुआ रद्द ना हो – जुमा मुबारक
जब तुम्हें यकीन हो के खुदा हमेशा तुम्हारे साथ है तो,
तो फिर कोई फ़र्क नहीं पड़ता के कौन तुम्हारे खिलाफ है।
ऐ लोगों ! जुमा छोड़ने से बाज़ आ जाओ,
वरना अल्लाह दिलों पर मोहर लगा देगा,
फिर यकीनन वो गाफिल लोगों से हो जाएंगे- जुमा मुबारक
किसी की गलतियों को दिल में रखने के बजाए दरगुजर करो,
क्यूंकी तुम भी तो अपने परवरदिगार से यही उम्मीद रखते हो।
मुसलमान का सबसे मजबूत साथी – सब्र, शुक्र और दुआ है,
इनको काभी मत भूलाना कामयाबी खुद चल कर आएगी – जुमा मुबारक
दुआ मांग लिया करो दवा से पहले,
कोई देता नहीं शिफ़ा खुदा से पहले – जुमा मुबारक
इस्लाम जैसा कोई मजहब नहीं,
नमाज़ जैसी कोई इबादत नहीं और जुमा जैसा कोई दिन नहीं – जुमा मुबारक
Jumma Mubarak Shayari | Jumma Mubarak Status
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