Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika:- ईशा की नमाज के बाद से लेकर फज्र का वक्त शुरू होने से पहले तक किसी भी वक्त सो कर उठने और नफ्ल नमाज पढ़ने को तहज्जुद कहते हैं । जब कोई इंसान ईशा पढ़ कर सोता है और रात के किसी भी समय उठता है, तो यह तहज्जुद का समय होता है और इसके लिए सबसे अच्छा वक़्त रात का आखिरी तीसरा पहर होता है। तहज्जुद् की नमाज़ नफल नमाज़ मे सबसे अफजल नमाज़ है।
नमाज ए तहज्जुद का अफजल वक्त रात का आखिरी हिस्सा है। इसमे कम से कम 2 रकात और ज्यादा से ज्यादा 8 रकात या 12 रकात अदा की जाती है” ~ (सही बुखारी।)
रात के आखिरी पहर अल्लाह आसमानी दुनिया पर आते है और फरमाते है-
- “है कोई दुआ मांगने वाला जिसकी दुआ मे कबूल करू।”
- “कोई है जो अपनी गुनाह के लिए मांगी मांगे”
- “कोई है जो मुझ से सवाल करे और मै उसे अता करू।”
हम लोगो मे से कितने लोग इस पुकार का फायदा उठाते है? फ़र्ज़ नमाज़ के बाद अगर कोई अफजल नमाज़ है- तो वो है रात के आखिरी पहर मे पढ़ी जाने वाली नफल नमाज़ यानी तहज्जुद् की नमाज़, इसलिए हमें चाहिए की इसका एहतिमाम करें। और इसके लिए Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika को जानना बेहद जरूरी है।
“हदीस में फरमाया गया है- “रात की नमाज यानि तहज्जुद पढ़ा करो क्योंकि तुम से पहले पिछली उम्मातों के नेक लोग भी तहज्जुद् पढते थे और ये नमाज तुम्हारे लिए अल्लाह से करीब होने का सबब है और गुनाहों का कफ्फरा करने वाली है और गुनाहों से रोकने वाली है।
तहज्जुद नमाज सुन्नत है। ये वो नफ़ल नमाज़ है जो तमाम नफ़ली नमाज़ो पर भारी है। नबी-ए-करीम (S.A.W) ने हमेशा इस वक्त का एहतिमाम फरमाया। जो लोग तहज्जुद् की नमाज़ पढ़ते है वो खुशनसीब होते हैं क्युंकि हर बंदे को तहज्जुद् की नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ नही होती है। कुछ लोग तो फ़र्ज़ नमाज़ अदा करते नही है तो नफल नमाज़ कहाँ से पढ़ेगें।
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Tahajjud Padne Ki Fazilat:-
तहज्जुद नमाज़ को पढ़ने की बहुत सारी फाजिलतें हैं इसलिए Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika जाने से पहले इसके फ़ज़ीलत को जान लेना सही रहेगा। इसकी कुछ फ़ाज़िलते नीचे लिखा गया है।
- तहज्जुद की नमाज जहन्नुम की आग से बचाती है।
- तहज्जुद गुज़ार लोग सलामती के साथ जनत में दाखिल होंगे।
- तहज्जुद कब्र की वहशत से बचाती है।
- रात में जब सब सो रहे हो उस वक्त अल्लाह َकी इबादत करना निहायत ही मुफीद अमल है। ना मालुम कौन सा वक़्त क़बूलियात् का हो और हमारी दुआ सुन ली जाए।
- रात की इबादत हमेशा नेक लोगो की मामूल रही है। तहज्जुद् पढ़ने से हम अल्लाह के करीब होतें है।
- तहज्जुद् पढ़ने से बीमारी भी दूर होती है।
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Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika – तहज्जुद की नमाज़
अब Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika को समझ लेते हैं। तहज्जुद की नमाज का तरीका ये है की 2 रकात से लेकर 4 रकात, 6, 8 रकात या 12 रकात तक पढ़ सकते हैं ये रकात दो दो कर के ही पढ़ी जाएगी यानी हर दो रकात के बाद सलाम फेरना है। इसके बाद इसके स्टेप्स को नीचे बताया गया है-
- रात जब आप सो कर उठे तो सबसे पहले वज़ू करें।
- उसके बाद नमाज़ के लिए नियत करे जैसे हर नमाज़ मे नियत किया जाता है।
- फिर जैसे सब नमाज़ अदा की जाती उसी तरह तहज्जुद् की नमाज़ पढ़े।
- तहज्जुद की नमाज में पढ़ने वाली सुरह् कोई खास सुरह् नहीं है वो सारी सूरह है जो हम नमाज़ में पढ़ते हैं।
- हमे चाहिए की इस नमाज़ की रकात मे लंबी लंबी सूरह पढे़।
Note:- तहज्जुद नमाज़ के हर रिकात में सूरह फातिहा के बाद तीन बार सूरह इखलास पढ़ सकते हैं इस तरह हर रिकात में कुरान पुरा पढ़ने का सवाब मिलेगा ऐसा करना भी बेहतर है। वैसे तहज्जुद में सूरह फातिहा के बाद कोई सी भी सुरह पढ़ सकते हैं जैसे की सब नमाज़ पढ़ी जाती है।
कुछ ज़रूरी बात – अगर आपको यक़ीन हो की आप तहज्जुद के लिए उठेगें, तो आप ईशा के वित्र की नमाज़ को छोड़ सकते हैं उस हालत में, तहज्जुद के साथ आखिर में वित्र पढ़ेगें। यदि आपका रात में उठना तय नहीं हैं, तो ईशा की नमाज़ के साथ वित्र का पढ़ लेना बेहतर है।
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Conclusion:
तो आज हमने जाना Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika उम्मीद करते है की आज का पोस्ट आपको पसन्द आया होगा, अगर हाँ तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि और लोगो को भी इस बात का इल्म हो जाए। अगर आपको Tahajjud Ki Namaz के बारे में कोई और जानकारी या कोई सलाह है तो हमें कमेन्ट बॉक्स में लिखें। अल्लाह हम सबको नेक अमल करने की तौफीक अता करे, आमीन।
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Assalamualaikum tahajjud ki namaz padne ke liye Sona bhi jarur hai kiya yehi puchna chahata hu me
So kar bhi pdh sakta hai , aise rat tak jga hua hai tho tahajjud pdh ka soiye
Sona koi compulsory nhi h
Mujhe bhi yehi janna h ki tahajjud ke liye sona jaruri h
Please don’t be fooled 🙏.
👉 Tahajjud ki namaz ke liye sona jaroori hai !!!! (100% correct)
Asalaam alaikum bhai jaan isha ki namaj nahi pad paay or tahajjud ki namaj pad sakta hai qabool ho sakti hai tahajjud ki namaj
Bhai isha ki namaz ka time suraj jagne se pehele tak hota hai ap jab tahajjud padne uthe tho pehele isha ki padh sakte ho mere bhai
Tahajjud ki nmaz ka niyat em baar karna hot a h ya baar baar please reply me
Har 2 rakat me niyat krna h bhai
It is really a nice and helpful piece of information. I’m satisfied that you shared this helpful info with us.
Please keep us up to date like this. Thanks for sharing.
Aur agar kisi ko Sari raat neend hi nahi aaye toh wo neend se bezar ho kar kaise tahajjud parhe please bataye?
Tahjud sokar uthakar hi padhsaktehe
Kuchh baaj logon ka kahna hai ki Tahajjud ki namaz 3-3 raqat karke padhi Jani chahiye. Kya Aisa hai ki nahi.
Ji nhii ! Tahajjud ki namaz 2-2 rakat kar ke hi padha jata hai. Aap 2-2 rakat karke hi tahajjud ki namaz ada karein. ❤
Mujhe bhi yehi janna h ki tahajjud ke liye sona jaruri h
Sister, Tahajjud ki namaz ke liye sona jaroori hai. Agar poori neend nhi aaye, tb bhi thodi der ke liye hi sahi, magar jaroor soyein. Agar baithe-baithe aapki aankh lag gyi, to uske baad jab aap jag jayenge, us waqt Tahajjud ki namaz ada kar lein. ❤
Massallha